समुन्दर के किनारे बैठ कर रेत से तुम्हारा नाम लिखा करती हूँ
समुन्दर की लहरें बार-बार उसे मिटा जातीं हैं
ये जाते-जाते कैसी चाहत दे गये मुझे
खुद तो चले गये पर उम्र भर के लिये अपनी यादों को
मेरे लिये छोड़ गये...
@@#तुम्हारी यादों की कसक .....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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