उसके दिये लाखों ग़म छुपा के कुछ यूँ मुस्कुराई मैं कि वो नादान बोला! आपकी मुस्कुराहट बहुत प्यारी है
नादान है वो बहुत सच में.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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