तुम्हारी आँखे बहुत नशीली हैं
ये बात उनके मुँह से सुने बहुत
अरसा हो गया मेरे करीब आके वो
ये बात मेरे कानों में हौले से कह जाए
फिर शर्म से मैं अपनी पलकें अपनी आँखों
पे गिरा दूँ और हया से मेरे दोनों गाल सुर्ख हो जाये
यारो!
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
No comments:
Post a Comment