हाँ मैंने बहुत कुछ छुपाया है तुमसे और तुम्हारे सामने ऐसे मुस्कुराया जैसे कोई तकलीफ नहीं है उसके चले जाने से मेरी ज़िंदगी में क्योंकि बताने से वो मुझे और कमजोर न समझ बैठे हाँ मैंने बोला है तुमसे झूठ आज अपनी खुशी के लिए हाँ मैंने बोला है उससे झूठ.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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