बेहतर यही होगा कि हम
बीते हुए लम्हों को भूल जाये
चाहे तुम हो या मैं
उनको भूल जाना ही
दोनों के लिए बेहतर होगा
यूँ बार-बार प्यार दिखा के
हम वक़्त ही जाया करते हैं
जो मुमकिन न हो सका
उसका क्या गम करें
तुम एक सपना थे
ये सोचकर ही तुमको
भूल जाना ही बेहतर है
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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