इस भीड़ भारी दुनियाँ में कौन अपना है कौन पराया कैसे पहचानोगी "तस्कीन" यहाँ तो एक चेहरे पे कई चहरे लगा रखे हैं "तस्कीन".....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
No comments:
Post a Comment