आज उनके दिन है रब ने उनको खुशियों से नवाज़ा है खुशियाँ बटोर लो
जब तुमसे दूर जायेगे हम उन्हें याद बहुत आएंगे
इस बात से वो अभी अंजान है
तब पछतावे के सिवा कुछ न उनके हाथ होगा
तब रब हमें भी खुशियाँ देगा....
सदा दिन ऐसे न होंगे मेरे....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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