हम न मिल सके तो क्या ग़म हम-तुम मिलकर एक नया कारवाँ बनायेंगे जिसे लोग अपने प्यार के फसाने पढ़ के हमें-तुम्हें याद करेंगे ....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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