Saturday, 2 February 2019

तेरे काँधे पे सर रख के जो उस पल सुकून मिला

तेरे काँधे पे सर रख के जो उस पल सुकून मिला था
ऐसे सुकून के हम आज भी तलबगार हैं.....

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

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