सब कुछ तो रोक चुके हो रोक सकते हो तो रोको मेरे दिल से अपनी यादों को , मेरी क़लम को लिखने से तो जाने .....
@@## तुम्हारे प्यार की खुश्बू.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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