ऐ सबा अगर उनके शहर से गुजरो तो मेरा ये पैग़ाम उन तक दे देना उनसे कहना आज भी वही मेरे दिल मे बसते हैं उनके सिवा मुझेे किसी के बारे में सोचने का वक़्त नहीं मिला ....
मेरे ख़यालों से कुछ....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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