तुझे बेवफा कहूँ या संग-ए-दिल इंसाँ कहूँ सब कम पड़ेंगे ये तुम्हें कहने के लिए बस तरस इस दिल पे आता है हमको कि तुम्हारे लिए इस दिल में फिर भी बेहिसाब प्यार बहता है "संग-ए-दिल" सनम......
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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