जब-जब तुमने बात की है तब-तब नैनो में नीर आये हैं फिर भी देखो इस दिल में तुम्हारे लिए प्यार का समुन्दर बहता है क्या अजीब बात है क्या दास्ताँ है मेरी तुम्हारी इसको क्या नाम दूँ प्यार का या बेवफाई का ........
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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