पूछो कभी इन पेड़ के तने से खुद सूखे होकर पेड़ को हरा-भरा रखते हैं उसी तरह हमारी जिन्दगी है, हमारे जीवन मे कष्ट चाहे जितने हो हमे लोगों की खुशी के लिए मुस्कुराना ही पड़ता है .....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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