आँखे बन्द करती हूँ तुम्हारा चेहरा नज़र आता है आँखे खोलती हूँ तब भी तुम्हारा चेहरा नज़र आता है इसे दिल का कसूर कहूँ या नज़रों का....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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