या रब तुमने जो दिया ज़िन्दगी में
वो मैंने खुशी से लिया
अब मेरे क़ाबिल जो बनाया है
उसका दीदार अब जल्द करा दो
अब इस मुश्किल सफर को पार करना
अकेले बहुत मुश्किल हो गया है
मेरे ख्वाबों में जो आता है
जिसका चेहरा मैं ढंग से
देख नहीं पाती हूँ
वो बड़ा ही चालाक है
रोज़ मेरी नींद उड़ा के
खुद चैन से सोता है
कोशिश की है हर बार-बार
उसको देखने की
पर वो आँख खुलते ही गायब हो जाता है
आपने उसको मेरे सपने में भेजा है
उसका दीदार कराने में मेरी मदद कीजिये न
अब ये सफर अकेले तय नहीं होता
शीरीं मंसूरी"तस्कीन"
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