हर नमुमकिन से मुमकिन कोशिश की है मैंने तुम्हें पाने की पर अफ़सोस इन हाथों की लकीरों पे मैं तुम्हारा नाम न लिख सकी.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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