तुम्हारे जाने के बाद कुछ भी नहीं बस कुछ यादें हैं तुम्हारी जो दिल में लिए फिरती हूँ एक तस्वीर है तुम्हारी जो दुनियाँ से छुपाए फिरती हूँ......
दिल की क़लम से.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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