ये दो रास्ते हैं-
एक रास्ता मेरे शहर की ओर जाता है
और दूसरा रास्ता उनके शहर की ओर
वो उस रास्ते जाते हैं जहाँ उनका फायदा हो
मैं वो रास्ते जाती हूँ जहाँ उनकी खुशी हो
रास्ता एक है मंजिल भी एक है
पर दोनों की सोच और तरीका अलग है
वो अपना फायदा मैं उनकी खुशी ढूंढती हूँ
बस इतना फ़र्क है हम-दोनों में.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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