तुम्हारे सिवा किसी और के बारे में सोचना मेरे लिये सबसे बड़ा गुनाह और आज तक इस दिल ने तुम्हारे सिवा किसी और के बारे में सोच भी नहीं ... शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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