मौसम चाहे कोई भी हो धूप की तपिश हो या सर्दी की धुंद इन आँखों को सिर्फ तुम्हारी ही तस्वीर नज़र आती है.....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
No comments:
Post a Comment