Sunday, 3 February 2019

उजाले से अंजान ही रहती

तुम तो मुझे अंधेरे में छोड़ के चले गए थे
तब उस वक़्त मुझे सबसे ज्यादा तकलीफ़ हुयी थी
मगर अब सोचती हूँ कि न तुम ऐसा करते
तो शायद मैं अब तक उजाले से अंजान ही रहती...

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

Saturday, 2 February 2019

हर ख़ुशी फीकी

तुम्हारे बिना हर ख़ुशी फीकी........
                                       
                                      शीरीं मंसूरी "तस्कीन "       

नफरतों की दुनियाँ से निकल के देखो

नफरतों की दुनियाँ से निकल के देखो
सच!दुनियाँ बड़ी खुशनुमा लगेगी......

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

याद आ जाया करते हो

ज़श्न-ए-बहारा हो तुम्हारे बाहों की गिरफ में
ये लम्हात को याद कर के तुम अक्सर मुझे
याद आ जाया करते हो......

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

वो नादाँ समझ न पाया

वो मेरी आशिक़ी था
मैं उनकी ग़लती
ऐसे -ऐसे मैं उनकी
मुहब्बत बन गई
वो नादाँ समझ न पाया
कब मैं उसके दिल की
चाहत बन बैठी
अब ये गुनाह वो कर बैठा
ना जाने कब वो प्यार के
सफ़र में सवार हो गया
इस बात से वो अभी अंजान है
यारो वो रास्ता भटक गया है
कोई जाके उनको
मुहब्बत की दुनियाँ से दूर
नफ़रतों की दुनियाँ में
भेजने में मदद करो

जीत हमेशा मुहब्बत की
हुई है....

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

बड़ा एहसान होगा तुम्हारा

सुनो,
        ये जो तुम्हारी यादों का सफ़र है न
        ये तुमको भूलने में मुझे बहुत तकलीफ़ देता है
        हो सके तो इसे वापस ले जाओ
         बड़ा एहसान होगा तुम्हारा.....
                        
                                 तुम्हारी नापसन्द

                                  शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

धड़कन बन के धड़का करते हैं

आज भी कुछ लफ्ज़ उनके मेरे दिल में
धड़कन बन के धड़का करते हैं....

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"