Sunday, 11 June 2017

रास्ते में

दूर चले गए मुझे यूँ रास्ते में अकेला छोड़कर 
आज भी उसी मोड़ पर खड़ी तेरा इंतज़ार करती हूँ

शीरीं मंसूरी 'तस्कीन'

No comments:

Post a Comment