तस्कीन
Monday, 12 June 2017
तुम जैसा कोई नहीं
ढूंढ़ने चली थी हर इंसान के अन्दर तुम्हें
न पता था तुम जैसा कोई नहीं इस जहाँ में
शीरीं मंसूरी
'तस्कीन'
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