तस्कीन
Sunday, 18 June 2017
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र किसी ने न जाना
मैं अंजानी तू बेगाना
शीरीं मंसूरी
'तस्कीन'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment