जिन्दगी के सफर को, मैं कितना
आसाँ समझती थी
पर जिन्दगी के सफर को तय कर पाना
बड़ा ही मुश्किल है
कुछ लोग मिलते हैं, तो कुछ लोग
बिछड़ते हैं
कुछ लोग शहद से ज्यादा मीठे होते
हैं,
तो कुछ लोग नीम से भी ज्यादा कड़वे
होते हैं
कुछ लोगों के दिल कोमल होते हैं,
तो कुछ लोगो के दिल कठोर होते हैं
कुछ लोग अच्छे होते है, तो कुछ
लोग बुरे होते हैं
पर जिन्दगी में हर इन्सान से
मिलना बहुत जरुरी है
अगर सब जिन्दगी में
अच्छा-ही-अच्छा हो तो
अच्छे और बुरे का फर्क कैसे?
मालूम हो
और सब कुछ बुरा-ही-बुरा हो तो
अच्छे की कीमत कैसे? पता चले
वाकई यहाँ सब कुछ झेलते हुए ही
चलना
यही जिन्दगी का सब से बड़ा तजुर्बा
है
इसी को कहते हैं जिन्दगी, जीना
इसी का नाम है
शीरीं मंसूरी “तस्कीन”