Saturday, 25 November 2017

रमज़ान में करते हो गुनाह

रमज़ान में करते हो गुनाह और बड़े फख्र से कहते हो की हम मुसलमान हैं

शीरीं मंसूरी “तस्कीन”

1 comment:

  1. इसे पूरी रचना में तब्दील कीजिये शीरीं जी। विचार गहरा है।

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