Saturday, 13 January 2018

हर झूठी उम्मीद के साथ

हर झूठी उम्मीद के साथ हर राह पर 
आज भी तुम्हारा  इंतज़ार करती हूँ 

शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

No comments:

Post a Comment