तस्कीन
Friday, 12 January 2018
क्या करूँ साहिब ?
क्या करूँ साहिब
?
रिश्ता मुझे ईमानदारी से निभाना आता है
आप मेरी इस कमजोरी को कमजोरी समझे
तो हाँ साहिब मैं कमजोर ही सही आपकी नजर में....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
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