तस्कीन
Tuesday, 2 January 2018
मैं जिद्दी हूँ -
तुम मुझसे बार बार कहते थे
मैं जिद्दी हूँ - मैं जिद्दी हूँ
पर तुम ने मेरी जिद न पूँछी
शायद पूँछ लेते तुम
मुझे सिर्फ तुम्हें पाने की जिद है
तो शायद उस दिन से तुम मुझे
जिद्दी कहना भूल जाते
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
1 comment:
Lokesh Nashine
2 January 2018 at 22:56
बहुत खूब
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