तस्कीन
Tuesday, 11 September 2018
यादों के साये
आज भी मैं तुम्हारी यादों के साये के साथ जीती हूँ
तुम्हारे जाने के बाद यही तो हैं जो मेरा साथ देती हैं
शीरीं मंसूरी “तस्कीन”
2 comments:
Lokesh Nashine
11 September 2018 at 19:26
बहुत सुंदर
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Ravindra Singh Yadav
12 September 2018 at 23:02
यादों की पूँजी अनमोल है। मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति।
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बहुत सुंदर
ReplyDeleteयादों की पूँजी अनमोल है। मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति।
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