तस्कीन
Monday, 8 January 2018
शिकायतें तो बहुत हैं तुमसे
शिकायतें तो बहुत हैं तुमसे
मगर डर लगता है कि कहीं
तुम रूठ न जाओ हमसे....
शीरीं मंसूरी "तस्कीन"
1 comment:
Lokesh Nashine
8 January 2018 at 21:26
बहुत खूब
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