Thursday 11 January 2018

इतने सालों में मिले तो थे हम तुम

इतने सालों में मिले तो थे हम तुम
दिल में खुशी थी खुशी पहले जैसी न थी
उस जगह बैठे तो थे हम तुम
मगर तुम तुम न थे मैं मैं न थी
शायद वक़्त ने हम दोनों को बदल दिया
हम दोनों होकर भी वहाँ नहीं थे


शीरीं मंसूरी "तस्कीन"

3 comments:

  1. नमस्ते,

    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 6 दिसम्बर 2018 को प्रकाशनार्थ 1238 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

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  2. बहुत अच्छा लिखा है। ऐसे ही लिखते रहिए। हिंदी में कुछ रोचक ख़बरें पड़ने के लिए आप Top Fibe पर भी विजिट कर सकते हैं

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  3. बहुत सुंदर तुम तुम न थे मै मैं न थी ।
    वजह न पुछो आलम ही बदला सा था
    कुछ भी क्या कहते वक्त का सितम था।

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