तस्कीन
Sunday, 28 May 2017
कौन कहता है
कौन कहता है कि नारी कमजोर है
नारी भावनाओं की इक डोर है
नारी आस्था का एक प्रतीक है
नारी न हो तो संसार है सूना
नारी के बिना हर रिश्ता है सूना
शीरीं मंसूरी 'तस्कीन'
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