तस्कीन
Thursday, 25 May 2017
आज सब कुछ होने के बावजूद
आज सब कुछ होने के बावजूद भी
ज़िन्दगी में खालीपन सा महसूस हो रहा है
शायद मेरे दोस्त मुझे तेरी कमी खल रही है
शीरीं मंसूरी 'तस्कीन'
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