तस्कीन
Tuesday, 11 September 2018
यादों के साये
आज भी मैं तुम्हारी यादों के साये के साथ जीती हूँ
तुम्हारे जाने के बाद यही तो हैं जो मेरा साथ देती हैं
शीरीं मंसूरी “तस्कीन”
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